नेपियर, सर चार्ल्स जेम्स जन्म, १७८२ ई. : मृत्यु, १८५३ : कर्नल जार्ज नेपियर का ज्येष्ठ पुत्र चार्ल्स नेपियर उग्र और झगड़ालू स्वभाव का होते हुए भी बड़ा योग्य सैनिक था। उसने डेनमार्क, पुर्तगाल, तथा अमरीका में युद्धों में भाग लिया। आठ वर्ष (१८२२-३०) वह सेफालोनिया (Cephalonia) में मिलिटरी रेजिडेन्ट के रूप में रहा। १८४१ में, भारत में, अंगरेजी सेना में उसकी नियुक्ति हुई। १८४२ में सेनानायक बना कर सिंध भेजा गया।
सिंध में अँगरेजों के साम्राज्यवादी प्रभुत्व का पहले ही प्रसरण हो चुका था। गवर्नर-जनरल द्वारा प्रोत्साहित हो, नेपियर ने प्रथम उपलब्ध अवसर पर ही सिंध को अधिकृत करने का निश्चय कर लिया। उसने खैरपुर के उत्तराधिकार में हस्तक्षेप किया। अमीरों की स्वीकृति वगैर संधिपत्र में नए प्रस्ताव संमिलित कर दिए तथा संधि स्थापना के पूर्व ही इमामगढ़ पर कब्जा कर लिया। जब उत्तेजित बलूचियों ने जनरल उट्रम के निवास-स्थान पर आक्रमण कर दिया, तो युद्ध आरंभ हो गया। नेपियर ने तीव्र संघर्ष के बाद मियानी में अमीरों पर विजय पाई (फरवरी, १८४३)। फिर हैदराबाद पर अधिकार कर मार्च में दाबो नामक स्थान पर उन्हें पूर्णतया पराजित कर दिया। तदनंतर, सिंध अंगरेजी राज्य में मिला लिया गया। नेपियर उसका गवर्नर नियुक्त हुआ। वहाँ उसने सैनिक शासन स्थापित किया। अगस्त १८४७ में वह स्वदेश लौट गया। उसकी इस साम्राज्यवादी नीति की कटु आलोचना हुई। द्वितीय सिक्ख युद्ध में अंगरेजों की पराजय पर वह पुन: भरत भेजा गया। परन्तु उसके आगमन के पूर्व ही सिक्ख विजित हो चुके थे। गवर्नर-जनरल लाडै डलहौजी से तीव्र मतभेद के कारण वेपियर पद-त्याग कर इंग्लैड वापिस लौट गय। २९ अगस्त १८५३ में पोर्ट्समथ में उसकी मृत्यु हो गई।
सं.ग्रं. - विचियम नेपियर : लाइफ आफ् सर चार्ल्स नेपियर; होम्स, टी राइस : सर चार्ल्स नेपियर; मेक्कॉल : करियर एण्ड करेक्टर आफ् चार्ल्स जेम्स नेपियर; मेक्डूगाल : जनरल सर चार्ल्स नेपियर।
(राजेंद्र नागर)