निश्चेतनता (Coma) असामान्य गाढ़ी तंद्रा की दशा है, जो किसी रोग के काल में या उसके फलस्वरूप किसी विषम आघात से उत्पन्न हो सकती है। इसमें चेतना पूर्णत: नष्ट हो जाती है और बहुत काल तक वैसी निश्चेतनता की दशा बनी रहती है। किसी भी बाह्य उद्दीपन से रोगी की निश्चेतनता दूर नहीं की जा सकती।
निश्चेतनता के कारण का निदान करने के लिए दो बातें आवश्यक हैं : १ निश्चेतनता के पहले रोगी की प्रत्यक्ष देखी दशा का ज्ञान तथा २. रोगी का शारीरिक परीक्षण।
निश्चतनता के मुख्य कारण ये हैं : (१) किसी दुर्घटना में आघात (trauma), रक्तस्राव तथा प्रघात (shock), (२) दुर्घटना में रक्तस्राव का अधिक होना, (३) केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के जैब रोग, (४) उपापचय संबंधी रोग, जैसे मधुमेह, यूरीमिआ आदि (५) तानिकाओं, (meninges) और मस्तिष्क के उग्र संक्रमण, (६) ओषधियों, विष मदिरा, कार्बन डाइऑक्साइड, क्लोरोफार्म, कार्बन मोनाऑक्साइड आदि का प्रभाव, (७) अत्यधिक रक्त की हानि तथा (८) अत्यधिक उच्च ज्वर का होना।
सामान्य चिकित्सा - निश्चेतनता के रोगी की सतर्क देखभाल बहुत आवश्यक है। रोग के अतिरिक्त उसको अन्य कई प्रकार से हानि पहुँच सकती है। प्राथमिक चिकित्सा में निम्नलिखित बातों पर अवश्य ध्यान देना चाहिए :
रोगी को अस्पताल या किसी डॉक्टर के पास शीघ्र ही पहुँचा देना चाहिए और डॉक्टर से प्रत्यक्ष देखा हुआ सारा हाल बता देना चाहिए।
कारण के निदान पर चिकित्सा निर्भर करती है। भिन्न भिन्न कारणों के अनुसार चिकित्सा के आयोजन भी भिनन होते हैं। कारण की ठीक जानकारी तथा विशेष चिकित्सा के लिए विशिष्ट परीक्षाएँ, जैसे शर्करा के लिए मूत्र परीक्षा, रुधिर दाब, कटि वेधन (lumbar puncture) इत्यादि आवश्यक हैं।(विनोदप्रसाद)