निगली, पाल (सन् १८८२-१९५३) विश्वविख्यात खनिज एवं प्रस्तर वैज्ञानिक थे। इंजीनियरी की शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् इन्होंने खनिज (mineralogy) एवं प्रस्तरविज्ञान (petrology) का अध्ययन किया। इनका कार्यक्षेत्र क्रिस्टलिकी (crystallography) या खनिज एवं प्रस्तरविज्ञान ही रहा है।

इन्होंने खनिज की रचना तथा उद्गम ज्ञात करने के लिए भौतिक रसायन के सिद्धांतों का उपयोग किया। इन्होंने रासायनिक विश्लेषणों की गणना द्वारा नए मान उपलब्ध किए, जिन्हें इन्हीं के नाम पर निगली मान (Niggly values) कहते हैं। शिलाओं के रासायनिक संघटन प्रदर्शित करने के लिए इन्होंने लेखाचित्रीय विधियों का निर्माण किया। यूरोप के कई विश्वविद्यालयों ने इन्हें डॉक्टरेट को सम्मानित उपाधि से विभूषि किया। अमरीका तथा रीओ डे जानेरो की मिनरालॉजिकल इंस्टिट्यूटों ने आपको पदक देकर संमानित किया।(महाराजनारायण मेहरोत्रा)