निकोबार
द्वीपसमूह
स्थिति
: 7� 18� उ.अ. तथा
93� 41� पू.दे.।
ये अंदमान और
निकोबार द्वीपसमूह
के नाम से विख्यात
हैं। भारतीय संघ
द्वारा प्रशासित
अंदमान और निकोबार
द्वीपसमूह क्षेत्र
में १९ द्वीपों का
एक समूह है, जो
बंगाल की खाड़ी
में दक्षिण-पूर्व
की ओर स्थित हैं।
१९ द्वीपों में से
केवल १२ द्वीप आबाद
हैं। इसकी राजधानी
अंदमान में स्थित
पोर्ट ब्लेयर
नगर है। निकोबार
द्वीपसमूह का
क्षेत्रफल ६३५ वर्ग मील
है। अंदमान से
निकोबार द्वीपसमूह
का क्षेत्रफल ६३५ वर्ग
मील है। अंदमान
से निकोबार
द्वीपसमूह ९० मील
चौड़े समुद्री
भाग के द्वारा
पृथक हैं। यहाँ
से उष्ण कटिबंधीय
उपजों तथा इमारतीं
लकड़ियों का निर्यात
होता है। सातवी
शताब्दी में अंदमान
और निकोबार
द्वीपसमूह का
पता लगा था। निकोबार
के निवासी मंगोल
जाति के हैं। १८६९ ई.
में अंग्रेजों ने
निकोबार पर
अपना अधिकार
कर लिया था।
यह द्वीपसमूह
तीन भागों में
बँटा है : (१) छोटे
अंदमान द्वीप के
९० मील दक्षिण में
कार (Car)
निकोबार द्वीप
हैं, (२) मध्य में काटचाल
(Katchall),
कॉमॉर्टा
(Comorta),
ननकाबरी (Nancowry)
और चॉवरा
द्वीपसमूह हैं
तथा (३) दक्षिण में
सौबेरो चैनल
(Somberro Channel)
के उस पार महानिकोबार
तथा लघु निकोबार
द्वीपसमूह हैं।
महानिकोबार
तथा लघु निकोबार
द्वीपसमूह हैं।
महानिकोबार
की लंबाई ३३ मील
और चौड़ाई
१६ मील है। महानिकोबार
द्वीप में २,१०५ फुट ऊँची
माउंट थुइलिया
चोटी है। निकोबार
में मानसून से
लगभग ९०��
से १३०�� वार्षिक
वर्षा होती है।
नारियल तथा
सुपारी की अच्छी
उपज होती है।
काष्ठकला, नौकानिर्माण,
मत्स्याखेट, नारियल
की जटा से चटाईयाँ
तथा टोकरियाँ
बनाना एवं बरतन
निर्माण यहाँ
के मुख्य उद्योग हैं।
अंतर्द्वीपीय व्यापार
के लिए नानकावरी
वंदरगाह (हार्बर)
और ऑवरा
द्वीपों का प्रयोग
होता है। यहाँ
लोग पूरे वस्त्र
नहीं धारण करते
तथा ईसाई प्रचारकों
के लगातार प्रयासों
के बाद भी ये
लोग चैतन्यवादी
(Animists)
हैं। १८वीं तथा १९वीं
शताब्दी में इस
द्वीपसमूह पर
क्रमश: डच, आस्ट्रियावासियों,
अंग्रेजों तथा फ्रांसीसियों
का अधिकार रहा।
सन् १८६९ में ब्रिटेन
के तथा द्वितीय
विश्वमहायुद्ध
में सन् १९४२-४५ तक यह
द्वीपसमूह जापान
के अधिकार में
रहा। अब यह भारत
के अधिकार में
है।(कृष्णमोहन गुप्त)