नाइट्राइड नाइट्रोजन के अन्य तत्वों के साथ बने द्विअंगी (binary) यौगिकों को कहते हैं। अनेक श्रेणी के नाइट्राइड यौगिक ज्ञात हैं :
ये यौगिक अनेक क्रियाओं द्वारा निर्मित होते हैं। धातु तथा नाइट्रोजन की अभिक्रिया द्वारा कुछ नाइट्राइड बन सकते हैं। इस अभिक्रिया में उच्च ताप की आवश्यकता होती है। लीथियम, बेरीलियम तथा अन्य दूसरे मुख्य समूह के तत्व, बोरॉन, ऐल्यूमिनियम तथा विरल मृदा तत्व (rare earth elements), सिलिकन, जर्मेनियम, टाइटेनियम, जर्कोनियम, थोरियम, फॉस्फोरस, वैनेडियम, नियोबियम, टाइटेनियम, जर्कोनियम, थोरियम, फॉस्फोरस, वैनेडियम, नियोबियम, टैंटेलम, क्रोमियम, मोलिब्डेनम, टंग्स्टन, यूरेनियम, मैंगनीज, लौह, कोबाल्ट तथा निकेल इस क्रिय से नाइट्राइड बनाते हैं।
अनेक धातुओं के ऑक्साइड तथा कार्बन के संमिश्रण को नाइट्रोजन के वातावरण में गरम करने पर उस धातु का नाइट्राइड बन सकता है। ऐल्यूमिनियम नाइट्राइड (ALN) इसी विधि द्वारा बनाया जाता है।
कभी कभी ऐमोनिया की अभिक्रिया द्वारा भी धातु के नाइट्राइड बनाए गए हैं, जैसे ताम्र ऑक्साइड (Cu2O) को ऐमोनिया के साथ ३००रू सें. ताप पर रखने से ताम्र नाइट्राइड (Cu3N) बनता है।
कुछ धातुओं के ऐमाइडों (metal amides) को गरम करने से नाइट्राइड बनता है जैसे :
बेरियम ऐमाइड = बेरियम नाइट्राइड + ऐमोनिया
[3Ba(NH2)=Ba3N2+4NH3]
इस विधि के परिवर्धन द्वारा अनेक ऐसे नाइट्राइडों का निर्माण हुआ है, जो अन्य विधियों से संभव न था, जैसे पारद, विस्मथ तथा थैलियम के नाइट्राइड।
आवर्त सारण के प्रथम एव द्वितीय मुख्य समूह के तत्वों द्वारा बने ऐजाइड यौगिकों को यत्नपूर्वक गरम करने से उन तत्वों के नाइट्राइड बन सकते हैं।
भौतिक गुणों में नाइट्राइड और ऑक्साइड में बहुत समानता है। इनके गलनांक प्राय: उच्च होते हैं तथा इनमें ऊँचे ताप पर भी स्थिरता रहती है, परंतु बोरॉन, सिलिकन, टैंटेलम तथा ज़र्कोनियम नाइट्राइड अत्यंत स्थायी तथा ठोस पदार्थ हैं। इनका गलनांक २,५००° सें. से भी अधिक है। उत्कृष्ट (noble) धातुओं के नाइट्राइड, जैसे मर्करी नाइट्राइड (Hg3N2) अस्थायी होते हैं। धातु नाइट्राइडों की विद्युच्चालकता कार्बाइड तथा बोराइड की मध्यवर्ती होती है।
अधिकांश नाइट्राइड जल द्वारा विघटित होकर ऐमोनिया मुक्त करते हैं जैसे :
कैल्सियम नाइट्राइड + जल ® कैल्सियम हाइड्राक्साइड + ऐमोनिया
[Ca3N2+6H2O=3Ca(OH)2+2HN3]
प्रत्येक नाइट्राइड में इसकी समान प्रवृत्ति नहीं रहती। प्रथम तथा द्वितीय प्रमुख समूह के नाइट्राइड शीघ्रता से विघटित होते हैं, मैंगनीज तथा टंग्स्टन नाइट्राइड शिथिल गति से विघटित होते हैं। क्रोमियम नाइट्राइड (Cr N) २००° सें. ताप पर भी विघटित नहीं होता।
बोरॉन, जर्कोनियम, टाइटेनियम तथा टैटेलम के नाइट्राइडों का उपयोग ठोस मिश्रधातुओं (alloys) के बनाने में होता है। टाइटेनियम नाइट्राइड मूषाएँ बनाने में काम आता है, क्योंकि उच्च ताप पर भी द्रव धातुओं द्वारा अप्रभावित रहता है। अनेक धातुओं को उच्च ताप पर नाइट्रोजन वातावरण में रखने से सतह पर उस धातु के नाइट्राइड की पतली परत जम जाती है। इस परत के कारण धातु की कठोरता में वृद्धि होती है और वह रासायनिक आक्रमण से बहुत काल तक बचा रहता है।(रमश्चोंद्र कपूर)