नकुल पांडवों के चौथे भाई जो वास्तव में पांडु की दूसरी पत्नी माद्री के पुत्र थे। कहा जाता है, वे अश्विनीकुमार थे और उनके असली पिता अश्विन नासत्य थे। इन्हें द्रोण ने अश्वशास्त्र की शिक्षा दी और पांडवों के बनवासकाल में विराट के यहाँ ये घोड़ों की ही देखरेख करते थे। इनकी स्त्री करेणुमती और पुत्र गिरमित्र थे।(रामाज्ञा द्विवेदी)