ध्रुव राजा उत्तानापाद और सुनीति का एकमात्र पुत्र। ध्रुव की विमाता सुरुचि का पुत्र उत्तम था जिसे गद्दी दिलाने के लिए सुरुचि ने ध्रुव तथा उसकी माता को प्रारंभ से ही अपमानित करने का उपक्रम किया। ध्रुव ने बचपन में ही घरबार छोड़कर तपस्या करने की ठानी और अंत में इन्हें सप्तर्षियों का केंद्र ही बना दिया गया। इन्हें ग्रहाधार तथा औत्तानपादि भी कहते हैं।(रामाज्ञा द्विवेदी)