धनेश
(Hornbill)
एक निराली चिड़िया
है, जिसकी बड़ी
और लंबी चोंच
और चोंच के
ऊपर मुकुट जैसी
बनावट इसको
अन्य पक्षियों से
अलग रखती है।
यह कोरैसाइइफॉर्मीज़
(Coraciiformes)
गण के ब्यूसेरॉटिडी
(Bucerotidae)
कुल का पक्षी है,
जिसे हुदहुद
और कौड़िल्ले
का निकट संबंधी
कह सकते हैं। इसका
निवास पहाड़ी
जंगल हैं, जहाँ
यह अपना समय पेड़ों
पर ही बिताती
है।
इसकी कई जातियाँ भारत में पाई जाती हैं, लेकिन इनमें होमराय (Great Indian two horned Hornbill, Buceros bicornis) सबसे बड़ी और प्रसिद्ध है। यह ४� लंबी चिड़िया है, जिसका रंग काला या सिलेटी और सफेद रहता है। इसकी चोंच पीली या नारंग रंग की रहती है, जिसके ऊपर काफी ऊँचा उभार सा रहता है। इसका निवास बंबई से सुमात्रा तक माना जाता है।
दूसरी चितकबरी धनेश (Rhinoceros Hornbill, Buceros rhinoceros) पहली से कुछ छोटी, करीब २� लंबी होती है। इसका रंग काला और सफेद रहता है। यह मलाया प्रायद्वीप, सुमात्रा, जावा, तथा बोर्नियो में पाई जाती है और इसकी चोंच के ऊपर का मुकुटनुमा उभार काफी भारी रहता है।
धनेश बहुत बदशकल पक्षी है। इसकी बोली तेज और कर्कश तथा उड़ान भारी और बोझिल रहती है। इसका मुख्य भोजन फल फूल है। लेकिन यह कीड़े मकोड़े तथा छिपकलियाँ और साँप आदि छोटे सरीसृपों को भी खा लेती है।
इसका अंडा देने का ढंग भी अनोखा है। जोड़ा बाँधने के बाद नर मादा को किसी पेड़ के खोते में बैठाकर खोते का मुँह मिट्टी से बंद कर दता है और इसमें सिर्फ एक छोटा चीरा छोड़ देता है, जिससे मादा चोंच बाहर निकाल सके। मादा उसी में कैद रहकर २-४ अंडे देती है और नर बाहर रहकर उसे खिलाता रहता है। नर मादा को सीधे खूराक लाकर नहीं देता। बल्कि पहले खुद खा लेता है भोजन उसके पेट में थोड़ा पचकर एक प्रकार की थैली में बंद हो जाता है। भोजन की इसी थैली को नर मादा के मुँह के भीतर उगल देता है, जिसे मादा खोते में चुपचाप बैठी बैठी खाती रहती है। इस काम में नर को इतनी मेहनत पड़ती है कि कभी कभी इसकी मौत तक हो जाती है।सुरोसिंह, कुंवर)(