दोस्तोयेवस्की, फ्योदर मिखाइलोविच (१८२१-१८८१) प्रसिद्ध रूसी लेखक। मास्को में डॉक्टर के परिवार में जन्म हुआ। साहित्यिक कार्य सन् १८४४ से आरंभ हुआ। 'गरीब लोग' लघु उपन्यास १८४६ ई. में नगर के साधारण लोगों के कष्टमय जीवन का सच्चा चित्रण दिया। १८४७ में क्रांतिकारियें के एक केंद्र का सदस्य हुआ, १८४९ में एक गुप्त क्रांतिकारी संस्था में शामिल हुआ। इसी वर्ष गिरफ्तार किया गया। मृत्युदंड मिलनेवाला था पर इसके बदले चार साल का कालापानी दिया गया। १८५० से १८५४ तक जेल में रहा, इसके बाद सेना में एक साधारण सिपाही होने की सजा मिली। 'मृत मकान से चिट्ठियाँ' (१८६१-६२) नामक कृति में कालापानी का वर्णन किया। अपने उपन्यासों 'अपमानित और तिरस्कृत लोग' (१८६१), 'अपराध और दंड' (१८६६), 'महामूर्ख' (१८६८), 'पिशाच लोग' (१८७१-१८७२) और 'कारामाजोव भाई' (१८७९-१८८०) में लेखक ने तत्कालीन रूस की गरीबी, शोषण और अत्याचार के विरोध में एक यथार्थवादी चित्रण दिया, पर वह क्रांतिकारी संघर्ष का समर्थक न होकर जुल्म के खिलाफ नम्रता एवं धर्म की अपील करता था। इसके लिए गोर्की ने दोस्तोयेवस्की की आलोचना की। दोस्तोयेवस्की की कृतियाँ अनके भाषाओं में, जिनमें हिंदी भी सम्मिलित है, अनूदित हुई हैं।(कृष्णमोहन गुप्त)