देहली देहरी, डेहरी, दहलीज, देहल, तलएंड, तलपट्ट, तथा द्वाराग्रस्थान, दरवाजे के चौखट में लगा हुआ लकड़ी या पत्थर का टुकड़ा कहलाता है। 'गृहावग्रहणी प्रोक्ता देहली तु मनीषिभि:' (हलायुध)। प्राविधिक भाषा में वास्तुशास्त्री दरवाजे या खिड़की की चौखट के नीचेवाले भाग को चौखट की देहल, तथा चिनाई या पत्थर के टुकड़े को, जिसपर चौखट रखी रहती है, दरवाजे या खिड़की की देहल कहते हैं। द्वार या वातायन के अतिरिक्त किसी पर्दे (हलकी दीवार) के ढाँचे का आधार भी देहल कहलाता है।
आजकल दरवाजों की चौखट में देहल लगाने की प्रथा धीरे धीरे कम हो रही है, क्योंकि इससे सफाई में असुविधा तो होती ही है, आने जाने में भी बाधा पड़ती है। (वि.प्र.गु.)
चित्र. दरवाजे की चौखट और उसकी देहल
क. दरवाजे का पल्ला चढ़ाने के लिए पताम तथा ख. देहल।(विश्वंभरप्रसाद गुप्त)