देहरादून १. जिला, स्थिति : २९रू ५७फ़ से ३१रू २फ़ उ.अ. तथा ७७रू २५फ़ स ७८रू १८फ़ पू.दे.। यह उत्तर प्रदेश राज्य का पर्वतीय जिला है। इसका क्षेत्रफल १,२०१ वर्ग मील तथा जनसंख्या ४,२९,०१४ (१९६१) थी। यह जिला हिमालय ओर शिवालिक पर्वतमाला के मध्य की घाटी में स्थित है। इसके उत्तर में स्थित पर्वत की ऊँचाई ७,००० से ८,००० फुट तक है, एक चोटी की ऊँचाई ८,५६५ फुट है। शिवालिक पर्वतमाला की अधिकतम ऊँचाई ३,०४१ फुट है। इसकी पूर्वी सीमा पर गंगा तथा पश्चिमी सीमा पर यमुना नदी बहती है। यहाँ से तिमाली दर्रा सैनिक छावनी चकराता तथा मोहंद दर्रा मसूरी जाता है। मसूरी स्वास्थ्यवर्धक स्थान है। यहाँ की जलवायु शीतोष्ण है तथा औसत वार्षिक वर्षा ९५फ़ फ़ है। पहाड़ की ढालों पर चाय की खेती की जाती है। जंगलों से साल, देवदार, चीड़, खैर, शीशम, बहेड़ा इत्यादि पेड़ों की मूल्यवान् लकड़ियाँ प्राप्त की जाती हैं। इस जिले में गेहूँ, धान, जौ, ज्वार, मडुआ, चना, बाजरा तथा तिलहन की खेती होती है। यहाँ के पशु निर्बल होते हैं। पूर्वी दून घाटी में अच्छी उपजाऊ भूमि है। कालसी के समीप महान् अशोक के शिलालेख है।
२. नगर, स्थिति : ३०रू २०फ़ उ.अ. तथा ७८रू २फ़ पू.दे.। यह नगर समुद्रतल से २,३०० फुट की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ की जनसंख्या १,५६,३४१ (१९६१) थी। यह जिले का मुख्यालय है। यहाँ फारेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट, इंडियन फारेस्ट कालेज, इंडियन फारेस्ट रेंजर्स कालेज तथा आर्म्ड फोर्सेज एकेडमी हैं। यहाँ दो महाविद्यालय भी हैं। यहाँ त्रिकोणमितीय सर्वेक्षण तथा वन विभाग के मुख्यालय भी हैं। यहाँ पर पुरातत्व सर्वेक्षण, भौगोलिक सर्वेक्षण, रेशम अनुसंधान तथा ऋतु विज्ञान के लिए राष्ट्रीय महत्व की प्रयोगशालाएँ भी हैं। यहाँ से छह मील उत्तर-पूर्व में गंधकयुक्त जल के प्रसिद्ध सोते हैं।
(कृष्णमोहन गुप्त )