देवकी देवक की कन्या जो कंस की चचेरी बहन लगती थी। इन्हें अदिति का अवतार माना जाता है। कहते हैं, दूसरे जन्म में यह राजा सुतपस् की स्त्री पृश्नि होकर उत्पन्न हुई। देवक उग्रसेन का भाई था और उसका दूसरा नाम आहुक था। आहुक की सातों कन्याओं का विवाह वसुदेव से ही हुआ था। देवकी के गर्भ से कृष्ण हुए और इसी से उन्हें देवकीनंदन आदि भी कहा जाता है। कृष्ण की मृत्यु के बाद वसुदेव ने भी द्वारका में ही प्राणत्याग कर दिया। विष्णुपुराण के अनुसार केवल देवकी तथा रोहिणी वसुदेव के साथ वहाँ जलकर मरी थीं। (रामाज्ञा द्विवेदी)