दाश्त ए-का-बीर स्थिति : ३४रू ३०फ़ उ.अ. तथा ५५रू ०फ़ पू.दे.। यह कैस्पियन सागर के दक्षिण-दक्षिण-पूर्व तथा एलबुर्ज पर्वत के दक्षिण-पूर्व में स्थित मध्य ईरान का नमक का बड़ा पठार एवं मरुस्थल है। इसका विस्तार पूर्व से पश्चिम दिशा में समुद्रतल से लगभग २०००फ़ की ऊँचाई पर, २५० मील की लंबाई तथा विभिन्न चौड़ाइयों में है। इस भाग में वर्षा बहुत कम तथा वाष्पीकरण अत्यधिक होता है जिसके कारण यहाँ मुख्य रूप से नमक के दलदल पाए जाते हैं। गर्मी के कारण यहाँ नमक की चट्टानों में तेज धार युक्त नोंकें निकल आती हैं जो कि पशुओं तथा मनुष्यों को इसके ऊपर चलने में बाधा डालती हैं, और पैरों को काट देती हैं। कहीं कहीं ऊपरी पपड़ी इतनी कमजोर होती है कि भारयुक्त जीव आदि नीचे धँस जाते हैं। इन्हीं कारणों से यहाँ जनसंख्या कम पाई जाती है। अधिकांश भाग उजाड़ तथा ग्रामरहित है। पहाड़ी पार्श्व तथा ढालों पर ही ग्राम एवं नगर बसे हुए हैं। (रामकुमार)