दार्दिस्तान भारत की उत्तरी पश्चिमी सीमा का परंपरागत क्षेत्र था। इसके अंतर्गत चित्राल, यासिन, पेंन्याल, गिलगिट घाटी, हुजा एवं नागार बुंजी से वातेरा तक की सिंधु घाटी अस्तोर घाटी तथा कोहिस्तान मालाजाई क्षेत्र थे। आर्यों की दार्द नामक जाति यहाँ रहती थी। इसका उल्लेख प्लिनी एवं टालिमी नामक इतिहासवेत्ताओं ने भी किया है। (अजितनारायण मेहरोत्रा)