दक्ष एक प्रजापति। महाभारत के अनुसार इनकी उत्पत्ति ब्रह्मा के दाएँ अँगूठे से हुई थी। सती, जिनका विवाह शिव से हुआ था, इन्हीं की पुत्री थीं। दक्ष को शिव का भभूत पोते, साँप लपेटे तथा मुंडमाल पहने रहना पसंद नहीं था और वे उनसे रुष्ट रहा करते थे। एक बार उन्होंने यज्ञ किया, किंतु शिव या सती को निमंत्रण नहीं दिया। सती, आखिर उनकी पुत्री थीं, अनाहूत चली आईं। यज्ञ में जब उन्होंने देखा कि अन्य सभी देवताओं का भाग तो है किंतु शिव का नहीं है, तो उन्हें बहुत बुरालगा और उन्होंने यज्ञकुंड में कूदकर अपने प्राण त्याग दिए। शिव के गण भी वहाँ उपस्थित थे। उन्होंने यज्ञ नष्टभ्रष्ट करना शुरू किया। अंत में दक्ष शिव के यहाँ गए और उनसे क्षमा माँगी। दक्ष नाम के और भी कई चरित्र भारतीय पुराणों में मिलते हैं। [भोलानाथ तिवारी]