थीबीज़ (१) (थीब्ज़) मिस्र का एक प्राचीन समृद्ध नगर जिसके भग्नावशेष काहिरा से ३५० मील दक्षिण पूर्व नील नदी के किनारे वर्तमान हैं। इन भग्नावशेषों में करनाक गाँव में नील नदी के पूर्वी तट पर अमोन का विशाल मंदिर अब भी है। अनुमानत: १२वें राजवंश में इसका निर्माण प्रारंभ हुआ, और टालमीयों के काल तक जारी रहा। इसके परकोटे में अनेक छोटे छोटे मंदिर हैं। १४२ फुट ऊँचे सिंहद्वार तक जानेवाले मार्ग पर स्फिंक्स की मूर्तियाँ हैं। मंदिर का आंगन ३३८ फुट लंबा और २७६ फुट चौड़ा है। इसी से संलग्न एक विशाल कक्ष है, जिसकी छत के सहारे के लिये १३४ स्तंभ हैं। सभी बड़े आकर्षक रूप में रँगे और सजाए गए होंगे, ऐसा लगता है। बहुतेरे तो अब भी चमकीले और संदुर देख पड़ते हैं। पूरा ढाँचा कोई १२०० फुट लंबा और ३५० फुट चौड़ा है। लक्सर गॉव के निकट भी अमीनोफिस तृतीय और उसके उत्तराधिकारियों द्वारा बनवाए हुए 'अमोन' मंदिर हैं। नील के पश्चिमी किनारे पर पहाड़ियों को काट काटकर बनी सम्राटों की समाधियाँ स्थित हैं। अन्य अनेक मंदिर और समाधियाँ नदी के दोनों किनारों पर बिखरे पड़े हैं। कभी थीबीज़ मिस्र की राजधानी भी रहा था। एक दो बार इस नगर का पतन भी हुआ। टालमीयों और रोमनों ने समय समय पर इस पुनजीर्वित किया। २७ ईसा पूर्व में थीबीज नगर एक बड़े भूकंप के धक्कों से खंडहरों में बदल गया, जो अब तक बने हुए हैं। अब इन खंडहरों पर कुछ अरब परिवार बसे हुए हैं, जो यात्रियों को सुविधाएँ देकर जीविका अर्जित करते हैं।

(२) ग्रीस का प्राचीन नगर (उच्चारण थीबाई) जो फागा पहाड़ी के दक्षिणी पठार पर स्थित था। अब वहाँ एक छोटा सा नगर 'थेवी' (जनसंख्या ३५००) बसा हुआ है। कभी थीबीज़ ग्रीस के महानतम नगरों में था, जहाँ पिंडार एपामिनोंदस और पेलोपीदस जैसे व्यक्ति उत्पन्न हुए थे। कादमस ने फिनीशियाई कालोनी द्वारा कादमिया के नाम से १५०० ईo पूo इस नगर की स्थापना की थी। किंवदंतियों में इसका नाम 'ईडियस' है। ग्रीस और फारस के मध्य हुए युद्ध में थीबीज को (जो उस समय फारस की संधि में था) बहुत हानि उठानी पड़ी। पोलेपोनेशियाई युद्ध में थीबीज़ स्पार्टा के साथ था, मगर ३९४ ईo पूo उसने स्पार्टा से रुष्ट होकर एथेंस का साथ दिया। ३८२ ईo पूo स्पार्टा के कमांडर फीबिदास ने कादमिया (थीबीज) पर अधिकार कर लिया किंतु पेलोपिदास और एपामिनोंदस ने विद्रोह करके नगर को स्वतंत्र कर लिया इसके बाद स्पार्टा और थीबीज में युद्ध हुआ जिसमें स्पार्टा की बड़ी हानि हुई। थीबीज़ ने स्पार्टा युद्ध के बाद उन्नति की, किंतु मांटिनी के युद्ध में परास्त होने के बाद उसके हौसिले पस्त हो गए। मकदूनिया के उत्थान के विरुद्ध थीबीज़ ने एथेंस से संधि की। सिकंदर ने ३३६ ईo पूo थीबीज़ पर आक्रमण करके ध्वस्त कर दिया और वहाँ के निवासियों को गुलाम बना लिया। बीस वर्ष बाद कसांदर ने उसका पुनर्निर्माण किया किंतु थीबीज़ फिर से अपना प्राचीन महत्व नहीं पा सका। रोम के विरुद्ध युद्ध में एथेंस का साथ देने पर यह पुन: बुरी तरह प्रभावित हुआ, और थीबीज़ ग्रीस इतिहास से करीब करीब मिट गया। ११वीं और १२वीं शती में फिर से यह रेशम उद्योग के कारण उभरा। ११४६ ईo में नारमनों ने इसे लूट लिया।