तोमस, संत बाइबिल में तोमस (टॉमस) के विषय में निम्नलिखित सामग्री मिलती है। वह ईसा के बारह पट्ट शिष्यों में से एक था। उसका उपनाम था दिदिमस अर्थात् यमल। उसने ईसा से कहा था कि मैं आपके साथ मर जाने के लिये तैयार हूँ। पुनरुत्थान के दिन जब ईसा अपने शिष्यों को दिखाई पड़े, उस समय तोमस वहाँ उपस्थित नहीं था और बाद में उस दर्शन के विषय में सुनकर उसने ईसा के पुनरुत्थान पर विश्वास करने से इनकार किया। आठ दिन बाद ईसा पुन: अपने शिष्यों को दिखाई पड़े। अब की बार तोमस दूसरों के साथ था और ईसा को देखकर अपने इन शब्दों में ईसा के प्रति अपना विश्वास प्रकट किया 'हे मेरे प्रभु और मेरे ईश्वर'। बाद में ईसा जब गलीली समुद्र के तट पर अपने कुछ शिष्यों को फिर दिखाई पड़े, उस समय भी तोमस उपस्थित था।

एक अपेक्षाकृत प्राचीन परंपरा के अनुसार तोमस ने फारस तथा मलाबार में ईसाई धर्म का प्रचार किया। मद्रास के निकट एक संत तोमस मौंट नामक स्थान है।

सन् १९४५ ईo में मिस्र में तोमस गास्पल नामक एक पोथी मिली जिसमें ईसा की ११४ तथाकथित सूक्तियाँ संगृहीत हैं। यह ग्रंथ अप्रामाणिक अवश्य है किंतु विशेषज्ञों का अनुमान है कि उसकी रचना दूसरी शताब्दी ईसवी में ज्ञानवादियों (नौस्तिक्स) द्वारा हुई थी।

संo ग्रंo -- एमo सीo रेन्नी : पिक्टोरियल बाइबिल डिक्शनरी, मिशीगन, १९६३। (आस्कर वेरक्रूसे)