तुंबरु एक विशष्ट देव गंधर्व। ये कश्यप तथा 'प्राधा' के पुत्र थे। संगीत विद्या में विशेष पारंगत तथा प्रवीण थे और इसीलिए ये मुख्यतया इंद्र तथा कुबेर की सभा में प्रधान संगीताचार्य थे। मर्त्यलोक में भी इनका विशिष्ट अवसरों पर आगमन होता था। अर्जुन के जन्मोत्सव पर इनका संगीत हुआ था। इंद्रलोक में अर्जुन के स्वागत के अवसर पर ये विराजमान थे। देवलोक के ये प्रधान वीणावादक थे। इनकी वीणा का नाम 'कलावती' था।(बलदेव उपाध्याय)