तुंगूस्का (Tunguska) स्थिति : ६४ उ० अ० तथा ६५ पू० दे०। साइबीरिया की येनिसे नदी की तीन पूर्वी सहायक नदियों को तुंगूस्का कहते हैं। ये नदियाँ प्राय: कोणधारी वनों के दलदली अथवा नम भागों में प्रवाहित होती हैं। सुदूर उत्तरी नदी, जो मध्य साइबीरिया की बाइकाल झील के पश्चिमोत्तर में स्थित पठार से निकलकर पश्चिम की ओर प्रवाहित होती हुई, २,२५० मील लंबा मार्ग तय कर, लोअर तुंगूस्का कही जाती है। इसके मार्ग का १,१०० मील तक का भाग मई से अक्टूबर तक नौगम्य रहता है। मध्य की नदी को पथरीली तुंगूस्का (Stony Tunguska) कहते हैं। यह ६८० मील लंबी है। यह लोअर तुंगूस्का के निकास स्थल के ठीक पश्चिम से निकलकर पश्चिमोत्तर दिशा में प्रवाहित होती हुई बेकित (Baykit) से गुजरकर येनिसे नदी में गिरती है। नदी के निचले मार्ग में जल प्रपातों की अधिकता है। येनिसे की सुदूर दक्षिणी सहायक नदी, अंगरा, के निचले भाग को इलिम (Ilim) के संगम के बाद 'अपर तुंगूस्का' कहते हैं। अंगरा नदी बाइकाल झील के दक्षिण-पश्चिमी छोर से निकलकर ईकूंटस्क होती हुई स्ट्रेलका (Strelka) के समीप येनिसे में मिल जाती है। इसकी घाटी में लोह, कोयला एवं स्वर्ण का प्रचुर संचित भंडार है। इन नदियों की घाटियों में तुंगुस नामक मानव जाति निवास करती हैं। (कैलाशनाथ सिंह)