तिबेस्ति (Tibesti) स्थिति : २० ५५ उ० अ० तथा १७ पू० दे०। अफ्रीका में यह एक पर्वतों का समूह है जो नाइजर राज्य के उत्तरी पूर्वी कोने से, चैड राज्य के उत्तर पूर्व तथा मध्य अफ्रीका गणतंत्र होते हुए दक्षिणी लिबिया तक ३०० मील लंबा है। यह सहारा मरुस्थल का सबसे ऊँचा भाग है। जिसका सर्वोच्च बिंदु ३४१५ मीटर ऊँचाई पर एमी कूसी (Emmi Koussi) नामक सुषुप्त ज्वालामुखी में है। संपूर्ण क्षेत्र ज्वालामुखी उत्पत्ति का है, जहाँ अब सूखी हुई धाराओं एवं वायु के कटाव द्वारा ऊँची नीची आकृतियाँ बनी हुई हैं। यहाँ कुछ मरूद्यान भी हैं जहाँ खजूर, अनाज, तरबूज एवं तंबाकू उत्पन्न किए जाते हैं। यहाँ टिब्बू नामक जंगली एवं असभ्य नीग्रो जाति के लोग रहते हैं, जो ऊँट, भेड़, बकरी और गधों के झुंडों को पालते हैं। सन् १८६९ में गस्टाव नाचटीगल (Gustav Nachtigal) नामक जर्मन यात्री द्वारा यह पहले पहल खोजा गया, लेकिन १९१५ ई० तक इसे अच्छी तरह मानचित्र पर नहीं दिखलाया गया। फ्रांसीसी सेनाधिकारी और अन्वेषक कर्नल जीन ए० एस० टिल्हो (Col. Jean A. M. Tilho) ने इसे मानचित्र पर दिखलाया। ( शांतिलाल कायस्थ)