तिएनशान पर्वत (Tien Shan) स्थिति : ४३ उ० अ० तथा ८६ पू० दे०। मध्य एशिया के उत्तर में एल्टाई और दक्षिण में कुनलुन पर्वतों के बीच में यह ऊँची पर्वतमाला है जो अरेल और कैस्पिएन सागर के निचले भाग से लेकर हांगहों नदी के बृहद मोड़ तक अर्थात ६७ प० दे० से लेकर १०३ पू० दे० तक फैली हुई है। कुछ भूगोलवेत्ता इसका विस्तार खाँ टेंगरी (८० ११ पू० दे०) से लेकर शिंजिआंग के बरकूल निम्न प्रदेश (Barkul Depression) (९२ -८३ पू० दे०) तक ही मानते हैं।

चीनी भाषा में तिएनशान का अर्थ, स्वर्ग पर्वत है। खाँ टेंगरी की सर्वोच्च चोटी की ऊँचाई २३,६००' है। इस पर्वतीय क्षेत्र में कई हिमनदियाँ हैं। तिएनशान चीन और ईरान तथा पश्चिमी तुर्किस्तान के व्यापारमार्ग के बीच अवरोध का काम करता है। यहाँ कई ऊँचे दर्रे, जैसे बरुल (Burul), अजीज दवान (Iziz Dawan) तथा तेरेक (Terek) हैं। मध्यवर्ती श्रेणियाँ १२,००० फुट ऊँची सड़क द्वारा पार की जाती हैं। यह सड़क ऊचे दर्रों को मिलाती है।(शांतिलाल कायस्थ)