तारापात संबंधी विश्वासों का वर्ग इसे अमंगल घटना के नैसर्गिक भविष्य संकेत के रूप में मानता है। प्राचीन काल में रोमीनाविक इसे भंकर तूफान का पूर्व लक्षण मानते थे। कहा जाता है कि पेलुस (Paulus) ने जब पर्सिअस (Persius) के विरुद्ध अभियान करना चाहा तभी चाँद के आकार की उल्का दृष्टगोचर हुई थी। सम्राट आगस्टस की मृत्यु के समय इसी प्रकार के उत्पात का उल्लेख मिलता है। भारतीय पुराणगाथाओं और कथाप्रबंधों में सर्वत्र भविष्य की अमंगलसूचक जितनी प्राकृतिक हलचलों और अव्यवस्थाओं का वर्णन मिलता है उनमें तारापात बहुप्रचलित रूढ़ी है। विश्व की प्राय: सभी पुराणकथाओं और लोककथाओं में भी हम यही पाते हैं जिससे प्राचीन विश्व की विश्वासपंरपंरा के एक अत्यंत मनोरंजक पहलू की पुष्टि होती है।

सं० ग्रं० - विल डूरेंट : द लाइफ ऑव ग्रीस, न्यूयार्क १९३९; मरियालीश: डिक्शनरी ऑव फ़ोकलोर, माइथोलोजी एंड लीजेंड, खंड २, न्यूयार्क, १९४९; जेम्स हेस्टिंग्ज, एनसाइक्लोपीडिया ऑव रेलिजन ऐंड एथिक्स खंड १०; नगेंद्रनाथ बसु: हिंदी विश्वकोश, खंड ३।