डेना जेम्स ड्वाइट (Dana James Dwight) विश्वविख्यात वैज्ञानिक और खनिजविद् थे। इनका जन्म १२ फरवरी, १८१३ का यूटिका, न्यूयार्क में हुआ। सन् १८३३ में शिक्षा समाप्त करने के उपरांत ये गणित के अध्यापक हो गए। सन् १८३६ में ये येल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर सिलिपैन के सहायक नियुक्त हुए। तदुपरांत चार वर्ष तक इन्होंने अमरीका के प्रशांत महासागरीय अभियान में वैज्ञानिक और खनिजविद् का काम किया। १८४२ ई० में अभियान से लौटने पर ये वहाँ का विवरण तैयार करने में जुट गए। इस कार्य में इन्हें १३ वर्ष लगे। येल विश्वविद्यालय में ही प्राकृतिक इतिहास और भूविज्ञान के सिलिमैन प्रोफेसर नियुक्त हुए और ४० वर्ष तक इस पद पर कार्य किया।
सन् १८४६ में जेम्स डेना � अमरीकन जर्नल ऑव साइंस ऐंड आर्ट्स� के सहायक संपादक हुए तथा बाद में उसके प्रधान संपादक बने। १८७२ ई० में इन्हें जिऑलोजिकल सोसाइटी का बुलैस्टन पदक तथा १८७७ में लंदन की रायल सोसायटी का कॉपली पदक प्रदान किया गया।
इनकी पुस्तकों और लेखों की संख्या २१४ है। इनमें निम्नलिखित विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं: जूफाइट्स, जिऑलोजी ऑव दि पैसिफिक एरिया, क्रस्टेशिया, सिस्टम ऑव मिनरॉलोजी और मैनुअल ऑव मिनरॉलोजी के कई संस्करण निकल चुके हैं तथा ये आज भी खनिज विज्ञान के सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ माने जाते हैं।
इनका स्वर्गवास १४ अप्रैल, सन् १८९५ को हुआ।
डेना, एडवर्ड सैलिसवरी - जेम्स डेना के पुत्र जन्म १६ नवंबर, १८९५ ई०। रचयिता � टेक्स्ट बुक ऑव मिनरालोजी� , � टेक्स्ट बुक ऑव ऐलिमेंटरी मिकैनिक्प� । पहले आप प्राकृतिक दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर (१८७९-८०), तदंनतर येल में भैतिक के प्रोफेसर रहे। इनकी मृत्यु १७ जून, १९३५ ई० को हुई। [ महराजनारायण मेहरोत्रा]