डीग स्थिति : २७० २८' उ० अ० तथा ७७० २२' पू० दे०। यह राजस्थान के भरतपुर जिले की एक तहसील, प्रशासनिक केंद्र तथा प्रसिद्ध ऐतिहासिक नगर है, जो भरतपुर नगर से सड़क द्वारा २० मील उत्तर तथा मथुरा से २२ मील पश्चिम स्थित है। यद्यपि रेलमार्ग के अभाव के कारण संप्रति नगर उन्नतिशील नहीं है तथापि यह अत्यंत प्राचीन नगर है और इसका ऐतिहासिक महत्व अधिक है। इसके रक्षार्थ चतुर्दिक् प्राचीर निर्मित है। इसका प्राचीन नाम 'दीर्घ' अथवा 'दीर्घपुर' था जो कालांतर में बिगड़कर 'डीग' हो गया। इस नगर का उल्लेख 'स्कंदपुराण' तथा 'भागवत माहात्म्य' इत्यादि पुस्तकों में मिलता है। १८वीं सदी के प्रारंभ में इस पर जाटों का अधिकार हुआ लेकिन १७७६ ई० में इसे नजफ खाँ ने छीन लिया, किंतु यह तुरंत भरतपुर के महाराजा रणजीतसिंह को वापस मिल गया और तब से लगभग सदैव भरतपुर राज्य में रहा। इस नगर में राजा सूरजमल ने मुगल ढंग पर फौवारों, बागों तथा तालाबों के साथ भव्य भवन बनवाए जो पच्चीकारी, सजावट तथा कलात्मकता में सुंदर हैं। यहाँ की जनसंख्या १७,६६८ (१९६१) है। यह नगर राजस्थान का प्रसिद्ध पर्यटन केंद्र है।[काशीनाथ सिंह]