डिहरी-ऑन-सोन स्थिति : २४ ५५' उ० अ० तथा ८४ ११' पू० दे०। यह बिहार के शाहाबाद जिले का एक छोटा सा सुंदर कस्बा है, जिसकी जनसंख्या ३८,०९२ (१९६१) थी। यह सोन नदी के बाएँ किनारे, ग्रैंड ट्रंक रोड पर बसा हुआ है। यहाँ यातायात की भरमार और सरकारी कार्यालयों की बहुलता है। व्यापारिक और औद्योगिक क्षेत्र होने से यह नगर सा जान पड़ता है। यहाँ सोन नदी पर बाँध बाँधकर नहरें निकाली गई हैं। नहरों के कारण स्थान की रमणीयता बढ़ गई है। जहाँ से नहर निकाली है उसके पास ही 'अपलैंड पार्क' नामक एक सुंदर उद्यान लगा है। यहाँ वर्ष में दो उल्लेखनीय मेले लगते हैं - एक माघ संक्रांति के अवसर पर, दूसरा कार्तिक में छठ के अवसर पर। छठवाला मेला कुछ घंटों के लिए ही लगता है पर १५-२० मीलों से स्त्री-पुरुष, बच्चे बूढ़े, रंग बिरंगी पोशाक पहनकर हजारों की संख्या में एकत्र होते हैं। डिहरी-ऑन-सोन स्वास्थ्यकर स्थान है, यहाँ जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक दृश्यों की छटा देखने के लिए हजारों व्यक्ति प्रतिवर्ष, विशेषत: अक्टूबर से मार्च के बीच, आते हैं।

डिहरी-ऑन-सोन की प्रसिद्धि उत्तर में बसे डालमियानगर के कारण बढ़ गयी है। डालमियानगर में चीनी, कागज, सीमेंट, वनस्पति घी, दाहक सोडा आदि के निर्माण के कारखाने हैं, जिनमें हजारों व्यक्ति काम करते हैं। इनकी सुविधा के लिए अनेक वासस्थान, क्वार्टर, अस्पताल, स्कूल, खेल के मैदान आदि बने हैं। यहाँ से लगभग १२ मील पश्चिम में ससराम नामक स्थान है, जहाँ शेरशाह का मकबरा स्थित है। इसके ३० मील दक्षिण में सोन नदी के बहाव पर पहाड़ी पर स्थित रोहतास गढ़ का प्राचीन और मजबूत किला है। ऐसा कहा जाता है कि राजा सत्य हरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश्व ने इसे बनवाया था। यह बहुत दिनों तक हिन्दू राजाओं के अधिकार में रहा किंतु १६वीं सदी में मुसलमानों के अधिकार में चला गया और अनेक वर्षों तक उनके अधीन रहा। [फूलदेवसहाय वर्मा]