डिब्रूगढ़ स्थिति : २७० २८' उ० अ० तथा ९४० ५५' पू० दे०। असम राज्य का तृतीय बृहत्तम नगर तथा लक्षीमपुर जिले का प्रशासनिक केंद्र है जो डिब्रू नदी के बाएँ तट पर डिब्रू ब्रह्मपुत्र के संगमस्थल से थोड़ी दूर ऊपर स्थित है। असम के मैदानी क्षेत्र में जलवायु की दृष्टि से यह नगर अन्य नगरों से अधिक स्वास्थ्यकर है। वर्षा ऋतु में अधिक वर्षा (वार्षिक औसत ११२'') होने के कारण हवा में ठंडक बनी रहती है और उमस नहीं होती। यह ब्रह्मपुत्र नदीमार्ग पर कलकत्ते से जानेवाले स्टीमरों तथा तिनसुकिया-डिब्रूगढ़-शाखा रेलमार्ग का अंतिम स्थान (टर्मिनस) है। स्थानिक सुविधाओं के कारण यह नगर बड़ा व्यापारिक केंद्र हो गया है और यहाँ खाद्यान्न, तेल, नमक, कपड़े तथा अन्य उपभोग्य सामग्रियों के बड़े गोदाम स्थित हैं। यहाँ जिले के कार्यालयों के अतिरिक्त रेल का वर्कशाप, फौजी छावनी तथा गोहाटी विश्वविद्यालय से संबद्ध एच. एस. कनोई (कला) तथा असम चिकित्सा महाविद्यालय स्थित हैं। नदी के कटाव के कारण बाजार को कई बार पीछे हटना पड़ा है। १९५४ एवं १९५५ ई० की बाढ़ में ब्रह्मपुत्र नदी ने लगभग आधे नगर को ध्वस्त कर दिया, तथापि नगर तीव्र गति से प्रगति कर रहा है। यहाँ की जनसंख्या ५८,४८० (१९६१) थी। [काशीनाथ सिंह]