डिकिंसन, एमिली (१८३०-१८८६) सुप्रसिद्ध अमरीकन कवयित्री; जन्म मेसाचुसेट्स के एमहर्स्ट नामक स्थान में हुआ। पिता वकील थे और एहमर्स्ट कॉलेज के कोषाध्यक्ष। एमिली को एकांत प्रिय था, इसलिए उनकी शिक्षा, सभी सुविधाएँ होते हुए भी, अधिक व्यापक न हो सकी। वह घर छोड़कर कहीं भी जाना पसंद नहीं करती थीं। उनके जीवनकाल में उनकी तीन चार कविताएँ ही प्रकाशित हुईं : साहित्यिकों से उनका परिचय बहुत ही कम था। उनका जीवन मानो शून्य में बीता था। उनकी मृत्यु के बाद उनकी कविताओं की पांडुलिपियाँ उनकी बहन को मिलीं। दुर्भाग्यवश कुछ रचनाएँ उन्होंने नष्ट भी कर दीं। शेष १८९० में प्रकाशित हुईं और तत्काल ही उनकी प्रसिद्धि फैल गई।

उनकी कविताएँ जीवन, प्रेम, प्रकृति, मृत्यु आदि विषयों पर लिखी गई हैं। उनकी कला परंपरावादियों को चौंकानेवाली है। वे छंद, लय, तुक आदि के प्रयोग में काफी स्वतंत्रता से लिखती थीं। उनकी अनुभूतियाँ बहुत तीखी थीं। उनके एक साहित्यिक मित्र, हिगिंसन लिखते हैं 'ये कविताएँ भूमि से जड़ों सहित उखाड़ी हुई लगती हैं।' वे इन रचनाओं की तुलना ब्लेक की रहस्यवादी कविताओं से करते हैं। जीवन और प्रकृति के व्यापारों के प्रति इन छंदों में गहरी, सूक्ष्म और मौलिक अंतदृष्टि हमें मिलती है। हिगिंसन लिखते हैं : 'जब कोई विचार कौंधकर हमें चकित कर दे, व्याकरण की सीख देना अशिष्टता लगती है।'

एमिली डिकिंसन की तुलना एमर्सन से की गई है। वे एमर्सन के रहस्यवादी व्यक्तिवाद से प्रभावित हुई थीं। ऐसा अनुमान किया जाता है कि उनका प्रेम पिता के ईषालु और संदेही स्वभाव के कारण असफल रह गया और इसीलिए वे अधिकाधिक आत्मकेंद्रित होती गईं। उनकी गणना एमर्सन के साथ १९वीं शताब्दी के दो सर्वश्रेष्ठ अमरीकन कवियों में होती है।

पाप और पुण्य, जीवन और मृत्यु के प्रश्न उन्हें व्याकुल करते रहते थे। वे प्यूरिटन हठधर्मी से कतराती थीं और इस मत की स्रष्टा की कल्पना अस्वीकार करती थीं। उनकी सुप्रसिद्ध कविता, 'अकेला श्वान', में विक्टोरियन युग के ईश्वर का उपहास है। अपनी रहस्यवादी कविताओं में वे अधिक आस्तिकता प्रकट करती हैं।

सं० ग्रं०: ऐटकेन : सेलेक्टेड पोएम्स ऑव एमिली डिकिंसन; बियांची : दि लाइफ़ ऐंड लेटर्स ऑव एमिली डिकिंसन; पॉलिट: एमिली डिकिंसन; ट्रैगार्ड: लाइफ़ ऐंड माइंड ऑव डिकिंसन। [प्रकाशचंद्र गुप्त]