डार्डेनल्ज़ (Dardanelles) स्थिति : ४० ०' उ० अ० तथा २६ २०' पू० दे०। यह एशिया माइनर (दक्षिण-पश्चिम एशिया) का एक प्रमुख जलडमरूमध्य है। यह मारमारा तथा इजीएन सागरों को मिलता है। इस जलडमरूमध्य के तट का निर्माण गैलिपोली प्रायद्वीप और एशिया माइनर के द्वारा हुआ है। इसकी लंबाई ४७ मील और चौड़ाई चार मील है। इस जलडमरूमध्य के एक तट पर सेडिल वहर और कुमकालेह (यूरोप की ओर) तथा एशिया माइनर की ओर गैलिपोली क्रमश: किले और नगर स्थित हैं।

१८४१ ई० में इस जलडमरूमध्य की स्थिति के संबंध में अनेक अध्ययन किए गए और फलत: विदेशी नौकाओं एवं लड़ाई के जलपोतों को इसे पार करने के लिए टर्की सरकार की आज्ञा लेना आवश्यक कर दिया गया। इसके साथ ही व्यापारिक जहाजों को केवल दिन में ही गुजरने का नियम बनाया गया है। प्रति वर्ष इस जलडमरूमध्य से लगभग १२,००० छोटे बड़े जलयान गुजरते हैं। इस पथ द्वारा मुख्यत: चीनी, चाय, कॉफी, चावल, चमड़ा, लोहा तथा लकड़ी के सामानों का आयात होता है। निर्यातों में विशेष रूप से गेहूँ, जौ, शराब, लकड़ी आदि उल्लेखनीय हैं।

[भूपेंद्रकांत राय]