डॉप्लर, क्रिश्चियन जोहैन (Doppler, C.J, सन् १८०३-१८५३) ऑस्ट्रिया निवासी, भौतिकविद् का जन्म सैल्जबर्ग में हुआ था तथा इन्होंने सैल्जबर्ग और वियना (vienna) में शिक्षा पाई थी।
सन् १८५० में ये वियेना के भौतिकी परिषद् के निदेशक तथा प्रयोगात्मक भौतिकी के प्रोफेसर नियुक्त हुए। आरंभ में तो इन्होंने गणित संबंधी लेख लिखे, किंतु इनका नाम भौतिकी में किए गए अनुसंधानों के कारण प्रसिद्ध है। सन् १८४३ में इन्होंने एक लेख प्रकाशित कराया था, जिसमें उस सिद्धांत का प्रतिपादन किया गया था जो डॉप्लर के सिद्धांत के नाम से प्रसिद्ध है। चलते हुए उद्गम स्थान से आनेवाली ध्वनि के स्वर में जिस प्रकार का परिवर्तन हो जाता है, उसी प्रकार गतिमान तारे से आनेवाले प्रकाश के वर्ण में भी परिवर्तन होना चाहिए, यही इस सिद्धांत का तत्व है।
दृष्टिरेखा में गति करनेवाले तारों की गति नापने में तथा युग्म तारों के अविष्कार के लिए डॉप्लर के सिद्धांत का उपयोग होता है। [भगवानदास वर्मा]