डाइनेमो (Dynamo) चुंबक-वैद्युत प्रेरणा (Magneto-electric induction) द्वारा यांत्रिक ऊर्जा को वैद्युत ऊर्जा में परिणत करनेवाला उपकरण है। मोटर, अर्थात वैद्युत् ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिणत करनेवाले यंत्र के रूप, में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। इसका अविष्कार १८३१ ई० में फैराडे ने किया। एक चुंबकीय क्षेत्र, एक संवाहक और क्षेत्र में सापेक्ष गति से उत्पन्न धारा को संचित करने के साधन डाइनेमो की अनिवार्य विशेषाताएँ हैं। लोहकोड (iron core) पर लिपटा हुआ ताँबे का तार, जिसे संवाहक या आर्मेचर कहते हैं, प्राय: क्षेत्रचुंबकों (field magnets) के क्षेत्र में परिक्रमण करता है। क्षेत्र के लिए स्थायी या विद्युच्चुंबक का प्रयोग किया जा सकता है। जब क्षेत्रचुंबकों के लिए विद्युत् की पूर्ति किसी बाह्य स्त्रोत से होती है तब डाइनेमो 'बाह्यत: उत्तेजित' (separetely excited) कहलाता है और यदि उत्पन्न विद्यत् का एक अंश ही इस काम में खर्च हो जाए तो डाइनेमो 'स्वत: उत्तेजित' (self excited) कहलाता है। डाइनेमो के अंतर्गत सब प्रकार के विद्युज्जनित्र और विद्युन्मोटर आते हैं। (देखें विद्युज्जनित्र और विद्युन्मोटर)। [माधवाचार्य]