टोगो (तोगो) अफ्रीका महाद्वीप के पश्चिमी तट पर ६� १०� सें. ११� ५� उ. अ. और १� ५७� सें. ०� २५� पू. दे. के बीच स्थित गणराज्य। राजधानी लोम। इसके उत्तर में अपर वोल्टा (Upper Volta), पूर्व में दहोमी, दक्षिण में गिनी की खाड़ी (Gulf of Guinea) तथा पश्चिम में घाना स्थित हैं।
अनेक भिन्न भिन्न जातियों का मिश्रण यहाँ की आबादी की विशेषता है। सभी का अपना अलग अलग इतिहास और अपनी अलग अलग भाषा है। इवी (Ewe), अदजा-वात्यी (Adja Watyi) और कबराइ लोसो (Kabrai Losso) मुख्य जातियाँ हैं। विभिन्न जातियों के सन्मिश्रण के बाबजूद सूडानी और नीग्रो लोगों के बीच स्पष्ट अंतर परिलक्षित होता है।
टोगो की राजकीय भाषा फ्रांसीसी है। समाचारपत्रों, व्यापार आदि में भी फ्रांसीसी भाषा का प्रयोग होता है। दक्षिणी भाग में ईवी (Ewe) मुख्य रूप से प्रचलित है।
प्राय: ७५ प्रतिशत प्राचीन अफ्रीका धर्मों के अनुयायी हैं। ईसाइयों की संख्या दो लाख के लगभग है। उत्तरी भाग के निवासियों में लगभग ५०,००० मुस्लिम हैं। रोमन कैथेलिक और प्रोटेस्टेंट धर्म प्रचारक भी कार्यरत हैं।
इतिहास - १२वीं और १४वीं शताब्दी में ईवी (Ewe) जाति नाइजर नदी की घाटी से चलकर दक्षिणी तोगो और घाना में जा बसी। १५वीं १६वीं शताब्दी में पुर्तगाली नाविक तटीय प्रदेशों में आए, और दासव्यापार आरंभ किया। जर्मन व्यापारी १८५६ के लगभग ग्रांड-पोपो पहुँचे। १८८५ में डा. गुस्ताव नाख्तिगाल नामक एक जर्मन ने तोगों के मुखिया से संधि की, जिसके परिणाम स्वरूप पोटों सीगोरो (Porto Seigouro) के निकट एक भाग पर जर्मनों का अधिकार हो गया। जर्मनों ने ही पहले बगुइटा (Baguida) में, तब जीव (Zebe) में और सन् १८९७ में लोम (Lome) में राजधानी स्थापित की। १८९७ और १८९९ में उन्होंने फ्रांसीसियों तथा अंग्रेजों के साथ सीमा निर्धारित की। इस सीमानिर्धारण के परिणाम स्वरूप ईवी (Ewe) अद्नावात्वी फान, और अन्य लोग गोल्डकोस्ट, टोगो तथा दहोमी प्रदेशों ने विभक्त हो गए।
प्रथम विश्वयुद्ध में फ्रांसीसियों और अंग्रेजों ने टोगो पर अधिकार कर लिया। द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात् ब्रिटेन और फ्रांस दोनों ने टोगोलैंड के अपने अपने अधिकारक्षेत्र राष्ट्रसंघ की अंतराष्ट्रिय न्यास शासनपद्धति के मातहत कर दिए। १९४८ में ईवी नेताओं ने टोगो लैंड की एकता की माँग की। उस समय इवी अलग अलग तीन प्रदेशों गोल्डकोस्ट, ब्रिटिश टोगोलैंड और फ्रेंच टोगोलैंड में बिखरे हुए थे। संयुक्त राष्ट्रसंघ के संमुख टोगोलैंड की एकता के लिए आंग्लफ्रांसीसी प्रतिरोध और ईवी तथा अन्य जातियों के बीच मतभेद, दो बड़ी बाधाएँ थीं। मई १९५६ में राष्ट्रसंघ के निरीक्षण में ब्रिटिश टोगोलैंड में जनमतसंग्रह हुआ, जिसमें ब्रिटिश टोगोलैंड और गोल्ड कोस्ट का विलयन निश्चित हुआ। फलत: ब्रिटिश टोगोलैंड का अस्तित्व समाप्त हो गया।
अक्टूबर, १९५६ में फ्रांसीसी टोगोलैंड में जनमत के अनुसार तय हुआ कि टोगोलैंड को स्वायत्तशासन का अधिकार मिले, और फ्रांस की न्यासधारिता समाप्त हो। किंतु फ्रांस की न्यासधारिता को तत्काल समाप्त करने के मान्यता राष्ट्रसंघ में नहीं दी। १९५८ के अप्रैल में राष्ट्रसंघ के निरीक्षण में पुन: निर्वाचन हुए। नेशनल यूनिटी पार्टी ने तोगो की विधानसभा में बहुमत प्राप्त किया और पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा की। नेशनल यूनिटी पार्टी के नेता सिल्वानुस ओलिंपियो (Sylvanus Olympio) प्रधान मंत्री निर्वाचित हुए। १३ अक्टूबर, १९५८ को फ्रांस सरकर ने टोगोलैंड की स्वतंत्र करने का निश्चय किया। निदान २७ अप्रैल १९६० को टोगो गणराज्य की घोषण हुई।