टेक्नीशियम (Technetium) आवर्त सारणी के सप्तम संक्रमण समूह (transition group) का तत्व है। यह मैंगनीज़ तथा रेनियम का सजातीय है। प्रकृति में यह तत्व नहीं मिलता, यद्यपि इसकी खोज के अनेक दावे हो चुके हैं। यह तत्व कृत्रिम तत्वांतरण (transmutation) क्रिया द्वारा बनाया गया है। अब तक इसके लगभग १२ समस्थानिक बनाए गए हैं (द्रव्यमान संख्या ९२ से १०५ तक), परंतु ये सब अस्थायी हैं।

सर्वप्रथम पेरियर (Perrier) तथा सेग्रे (Segre) ने टेक्नीशियम तत्व का निर्माण मोलिब्डिनम के तत्वांतरण द्वारा किया। यह तत्वांतरण त्वरक (accelerator) द्वारा उत्पन्न वेगवान् ड्यूटेरान दंड (deuteron beams) के आक्रमण से हुआ। कृत्रिम तत्व होने के कारण इसका नाम टेक्नीशियम रखा गया, जो यूनानी शब्द टेक्नेटोस (कृत्रिम) पर आधारित है। इन अनुसंधानकर्ताओं ने रेडिय रसायन द्वारा इस तत्व के रासायनिक गुणों की जाँच की। यूरेनियम विखंडन (fission) क्रिया में टेक्नीशियम भी उत्पन्न होता है और आजकल इसी स्रोत से यह उपलब्ध किया जा रहा है। इसका ९९ द्रव्यमान संख्यावाला समस्थानिक सबसे स्थायी है, जिसकी अर्धजीवन अवधि 4.7x105 वर्ष है। यह इलेक्ट्रॉन मुक्त कर रुथेनियम ९९ में प्ररिणत हो जाता है। अन्य समस्थानिकों का क्षय पॉज़िट्रान मुक्ति, K - इलेक्ट्रॉन ग्रहण (K-electron capture) या इलेक्ट्रॉन मुक्ति द्वारा होता है।

टेक्नीशियम में धातु के गुण प्रधान हैं। विलयन अवस्था में यह धनायन (cation) अथवा ऑक्सीकृत ऋणायन (oxidizedanion) के रूप में रहता है। धातु का निर्माण टेक्नीशियम लवण के विलयन पर जस्ते, लोह या निकल की अवकरण क्रिया द्वारा किया जा सकता है। इसके गुणा धर्म रेनियम और मैंगनीज़ से बहुत मिलते हैं। (रमेशचंद्र कपूर)