टासिटस, पब्लियस कार्नेलियस विख्यात रोमन इतिहासकार जन्म मृत्यु के स्थान और समय अज्ञात हैं, लेकिन उसी के लेखों तथा कुछ अन्य उपलब्ध स्रोतों से यह अनुमान लगाया जाता है कि वह सन् ५५ ईसवी में उत्पन्न हुआ था। ७८ ईसबी में उसका विवाह तत्कालीन ब्रिटिश शासक नियस जूलियस अग्रिकोला की पुत्री के साथ हुआ। कुछ दिन तक डोमिशियन के राजय में दंडनायक पद पर रहने के बाद चार वर्ष के लिये वह राजधानी छोड़कर बाहर चला गया। इस अवधि में वह संभवत: किसी प्रांत में न्यायप्रतिनिधि की हैसियत से कार्य करता रहा।

उसकी मृत्युतिथि के विषय में कोई निश्चित अनुमान नहीं है, किंतु ११५-१६ में फारस की खाड़ी तक ट्राजनों के विस्तार का वर्णन 'एनल्स' (२,६१) में प्राप्त होता है, और इस पुस्तक को पूर्ण होने में कुछ वर्ष लगे होंगे, अत: यह संभव माना जाता है कि वह हैड्रियन के राज्य में भी जो कि सन् ११७ से आरंभ हुआ, जीवित रहा हो।

उसकी सबसे पहली पुस्तक 'डायलॉग्स डि ओरेटोरिबस' अनुमानत: ७६-८१ ई. में लिखी गई। इसकी शैली सिसरोनियन है, और उस पर क्यिंटिलियन का प्रभाव परिलक्षित होता है, जो सेनेका की अपेक्षा सिसरो की शैली अपनाने पर वल दे रहा था। इसी कारण संभवत: जस्टस लिप्सियस ने 'डायलॉग्स' को क्विंटिलियन की पुस्तक माना है किंतु अनेक प्रमपणों से यही सिद्ध होता है कि टासिटस ही 'डायलाग्सद्ध का लेखक है।

डोमिशियन के १५ वर्षीय राज्यकाल में टासिटस निष्किय रहा सन् ९८ में दो पुस्तकें 'अग्रिकोला' और 'जर्मेनिया' प्रकाशित हुई। 'जर्मेनिया' जर्मनी की भौगोलिक स्थिति और वहाँ के तत्कालीन जनजीवन पर एक प्रबंध है, जिसका नाम भिन्न भिन्न पांड्डलिपियों में भिन्न भिन्न होने के कारण प्राय: अनिश्चित हो गया है। इस ग्रंथ का निर्वाह साधारण तथ्यकथन के रूप में नहीं वरन गंभीर विवेचनात्मक शैली और आलंकारिक भाषा में हुआ है।

'हिस्ट्रीज' और 'ऐनल्स' में टासिटस की साहित्यिक प्रतिभा और कला की झाँकी प्रस्तुत है। इनमें उसका दृष्टिकोण शुद्ध वैज्ञानिक है। टासिटस में मानव मन की गहन अनुभूतियों को अभिव्यक्त करने को प्रकृतिप्रदत्त प्रतिभा थी; इसी से उसे इतिहास लिखते समय विशाल घटनाओं की पृष्ठभूमि का सूक्ष्म विश्लेषण करने का अवसर मिला। (चंद्रवली त्रिपाठी)