टॉमसन, जोसेफ जॉन (सन् १८५६-१९४०) ब्रिटेन के भौतिक वैज्ञानिक थे। इनका जन्म १८ दिसंबर, सन् १८५६ को मैंचेस्टर में हुआ था। इन्होंने उच्च शिक्षा आवेंस कॉलेज, मैंचेस्टर, तथा ट्रिनिटी कालेज में प्राप्त की। सन् १८८४ में २८ वर्ष की अवस्था में ही ये केंब्रिज में कैवेंडिश प्रोफेसर के पद पर नियुक्त हुए। सन् १९१८ में इस पद से त्यागपत्र देकर इन्होंने ट्रिनिटी कालेज में मास्टरशिप स्वीकार की। प्रथम महायुद्ध में ये गवर्नमेंट के विभिन्न विभागों में परामर्शदाता भी रहें। सन् १८८३ में ये रॉयल सोसायटी के सदस्य बनाए गए और सन् १९०८ में इन्हें 'सर' की उपाधि मिली। इसकी मृत्यु सन् १९४० में हुई।
सन् १८८३ में लार्ड रैले की अध्यक्षता में इन्होंने स्थिरवैद्युत मात्रक (electrostatic units) तथा विद्युच्चुंबकीय मात्रक (electromagnetic units) की निष्पत्ति ज्ञात करने पर गवेषणापूर्ण अनुसंधानपत्र प्रकाशित किया। इसी वर्ष इन्होंने गैसों में विद्युद्विसर्जन के प्रयोग पर प्रथम अनुसंधानपत्र निकाला तथा कैथोड किरणों की उत्पत्ति का पता लगाया और यह ज्ञात किया कि ये किरणें वास्तव में ऋणविद्युत् के क्षुद्रकणों की बौछार हैं। इन्हें 'इलेक्ट्रॉन' का नाम दिया गया। टॉमसन ने इलेक्ट्रॉन की विद्युद्राशि, संहति तथा उसका वेग भी नापा। इलेक्ट्रॉन की खोज के उपलक्ष में इन्हें सन् १९०६ में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। सन् १९०६ से १९१४ तक इन्होंने धन किरणों पर अनुसंधान किया और इस प्रकर इन्होंने सर्वप्रथम समस्थानिकों की खोज की और यह यह दिखलाया कि नियन के दो समस्थानिक होते हैं, जिनके परमाणुभार २० तथा २२ हैं। (अंबिका प्रसाद सक्सेना)