झालरापाटन राजस्थान की एक प्राचीन रियासत। वर्तमान झालरापाटन नगर २४ ३२ उत्तर अक्षांश और ७६ १० पूर्वी देशांतर के बीच एक पर्वत उपत्यका में स्थित है। प्राचीन नगर कुछ दूर चंद्रभागा नदी के किनारे स्थित था। नाम के मूल के संबंध में इतिहासकारों में मतभेद है। कुछ का मत है कि झाला राजपूतों के बसने के कारण इसका नाम झालरापाटन प्रचलित हो गया। इसके विरुद्ध अन्य विद्वानों का विचार है कि निकटस्थित पर्वत से निरंतर जल निकलते रहने के कारण इसका यह नाम पड़ा। टाड के मतानुसार, यहाँ के प्राचीन मंदिरों मे, जिनका निर्माण ६०० ई० में हुआ, अधिक संख्या में घंटे होने के कारण झालरापाटन नाम प्रचलित हुआ। मन्दिरों की सुंदरता की प्रशंसा जनरल कनिंघम आदि अनेक लेखकों ने की है। झाम के हाथों इन मंदिरों का विनाश हुआ।

जालिम सिंह नामक एक सरदार ने सनद्य १७९६ में वर्तमान झामपटन और झालरापाटन छावनी की स्थापना की। नगर और एक सड़क से जुड़े हैं। कालांतर में छावनी में बस्तियाँ बन गई।