ज़ूलूलैंड
स्थिति : २८°
०¢ दo
अo तथा
३२° 0¢ पूo
देo। यहाँ
का क्षेत्रफल १०,४२७
वर्ग मील तथा
जनंसख्या ४,२३,२३० (१९५१)
है। यह दक्षिणी
अफ्रीका संघ के
नैटाल राज्य
के उत्तरी पूर्वी
भाग का एक उपप्रदेश
है, जिसमें पहले
के जूलू राज्य
के अधिक भाग संमिलित
है। ज़ूलूलैंड
तट से लोबांबो
की पर्वतशृंखला
उत्तर की तरफ
तट के समांतर
फैली हुई
है, जो इस प्रदेश
को दो भागों
में बाँटती
है। यहाँ के
तटीय भाग की
समुद्रतल से
औसत ऊँचाई
४००¢ है।
यह भाग बहुत
ही उपजाऊ है,
किंतु गरमियों
में बहुधा यहाँ
मलेरिया
का प्रकोप रहता
है। यहाँ के
जंगल तथा जंगली
पशुधन बहुत
ही प्रसिद्ध हैं।
दूसरा अंतर्वर्ती
भाग जिनमें
५,०००फ़ ऊँचे क्रमबद्ध
पठार हैं, बहुत
ही उपजाऊ है।
तुगेला, अंफोलॉजी
तथा अमकुंजी
यहाँ की मुख्य
नदियाँ हैं।
यह प्रदेश बहुमुल्य
खनिज धातुओं
के लिये प्रसिद्ध
है। सोना, ऐस्वेस्टस
तथा निकल बहुत
से स्थानों पर
पाए जाते हैं। उत्तम
प्रकार की ज़र्कन
(Zircon) धातु,
इशोवी से १५
मील उत्तर में
पाई जाती है।
इशोवी नगर
प्रशासन का मुख्य
केंद्र है।
तटीय
क्षेत्र की मुख्य
बस्तियाँ अंग्रेज़ों
की हैं, जहाँ
ईख की खेती अधिकांश
क्षेत्रों में होती
है; परंतु आदिम
जाति के लोगों
का मुख्य व्यवसाय
पशुपालन है।
तट के समांतर
ही यहाँ का
राजमार्ग है।
ज़ूलू यहाँ
के आदिवासी
हैं, जो बांतू
भाषा बोलते
हैं। ये लोग
सुगठित शरीरवाले
तथा बहुत ही
बहादुर होते
हैं। पहले चरवाहों
का जीवन बितानेवाली
यह जाति अब
एक सीमित क्षेत्र
झोपड़ो में
रहने लगी
है। यह क्षेत्र
'ज़ूलू रिज़र्व'
कहलाता है।
ये आदिम जातियाँ
प्राय: नंगी रहती
है। इनका एक सरदार
होता है, जिसकी
कई पत्नियाँ
होती हैं, जो
अलग अलग पास
के झोपड़ों में
अपने अपने बच्चों
के साथ रहती
है। झोपड़ियाँ
नीची तथा चारों
तरफ से बंद
होती हैं। केवल
एक तरफ कुछ खुली
होती है, जिसमें
काफी झुककर
जाना पड़ता है।
जूलू परिवार
इसी में सोता
तथा खाता पीता
है। [हरिहर
सिंह]