जुलोगा, अग्नासिओं (१८७०-१९४५) इस स्पेनी विद्रोही चित्रकार का जन्म धातुकार परिवार में हुआ। उन्हें वास्तुकला की शिक्षा लेने रोम भेजा गया लेकिन बने वे चित्रकार। लगातार छह मास की कलासाधना के बाद ही उन्होंने अपनी जो प्रथम कलाकृति बनाई वह सन् १८९० में सलून में प्रदर्शित की गई। गोंगाँ, लूत्रे, वेलास्केज़, एल ग्रेको, और गोवा आदि चित्रकारों के चित्रों का उन्होंने अच्छा अध्ययन किया। उनकी अलंकृत खुरदरी चित्रशैली का आधार तत्कालीन स्पेन के नव चित्रकारों से भिन्न था। लक्जेंबुर्ग और ब्रुसेल्स के संग्रहालयों में उनके चित्र सुरक्षित हैं, फिर भी स्पेन की जनता इनकी कृतियों का महत्व काफी देर में समझ सकी।
[ भाऊ समर्थ]