जिग्गुरैत प्राचीन बेबिलोनिया तथा असीरिया में पाए जानेवाले एक तरह के स्तूप या मीनारनुमा टीले। ऊपर चढ़ने के लिये इनमें प्राय: सीढियाँ बनी रहती थीं। ये धूप में सुखाए हुए ईटों के बने होते थे और इनके ऊपर किसी न किसी देवता का मंदिर बना रहता था, जिसके नाम पर इनका निर्माण किया जाता था। संभव है, इनके बनवाने के मूल में यह विचार रहा हो कि इनके ऊपर चढ़कर वेधशाला की तरह, आकाश के तारों का निरीक्षण अधिक सुविधा के साथ किया जा सकता है।