जामेअ मस्जिद मुसलमानों का प्रधान पूजागृह। इसका इतिहास मुहम्मद साहब के समय से आरंभ होता है। इसकी नींच सर्वप्रथम एक कमरे के रूप में पड़ी। एशिया और यूरोप में इस्लाम के प्रसार के साथ मस्जिद के रूप भी बदलते चले गए। अब वैभव और वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूने मस्जिदों में देखने को मिलते हैं। हिंदू मंदिरों या ईसाई चर्चो से भिन्न इनकी इमारतों का कोई निश्चित रूप नही होता। देश, काल की संस्कृति के अनुसार उनका निर्माण हुआ। जामेअ मस्जिद प्रधान मठ होता है, जिसे धर्मप्रचार की दृष्टि से विशेष महत्व प्राप्त रहता है। अन्य मस्जिदें इसके नियंत्रण में रहती हैं। प्रधान धर्मगुरु जामेअ मस्जिद का अधिपति होता है।
अरब, मिस्र, ट्यूनिशिया, अलजीरिया और मोरक्को में, प्रसिद्ध ऐतिहासिक मस्जिदें हैं। भारत में अहमदाबाद, फतहपुर सीकरी, बीजापुर तथा जौनपुर में बनी जामा मस्जिदें वास्तुकला की दृष्टि से प्रशंसनीय हैं।