जान पोस्टगेट परसीवल ब्रिटिश अकादमी के सदस्य, का जन्म सन् १८५३ ई. में हुआ। इनके पिता का नाम डा. जान पोस्टगेट था जिनको खाद्य पदार्थो में मिलावट करने के विरुद्ध कानून बनाने का श्रेय प्राप्त हुआ। पोस्टगेट की किंग वुडवर्ड स्कूल, बरमिंघम तथा ट्रिनिटी कालेज, कैंब्रिज में शिक्षा हुई। सन् १८८४ से १९०९ तक उसी कालेज में आप क्लासिकल प्राध्यापक के पद पर रहे। आप लंदन में तुलनात्मक दर्शन के प्रोफेसर पद पर भी रहे। १४ जुलाई, १९२६ को एक दुर्घटना में आपकी मृत्यु हुई। लातीनी विद्वानों में पोस्टगेट का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। लातीनी की शिक्षा के क्षेत्र में इन्होंने बहुत प्रशंसनीय काम किया।
अत्यंत सरल रूप में लिखी जाने के कारण उनकी 'न्यू लैटिन प्राइमर' और 'सरमो लैटिनास' नामक पुस्तकें अत्यंत लोकप्रिय हुई। (ला.सिं.)
जानसठ स्थिति : २९० १९' उ.अ. तथा ७७० ५१' पू.दे.। यह उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले की तहसील तथा नगर है। नगर मुजफ्फरनगर से १४ मील दक्षिण-पूर्व स्थित है। इसकी प्रसिद्धि मुख्यत: जानसठ सय्यदों की जन्मभूमि के कारण है। इनके कुछ वंशज वर्तमान समय में भी इस नगर में बसे हुए हैं। इसकी कुल जनसंख्या ६, ७७५ (१९६१) है। (राधिका नारायण माथुरध्)