जहन्नुम अरबी शब्द जहैन्ना से व्युत्पन्न जो पाताल के अर्थ में प्रयुक्त होता है। कुरान तथा अन्य इस्लामी स्मृतियों में यह अग्नि का पर्याय है। सामान्यत: इससे नरक का बोध होता है। कुरान में 'नार' अध्याय में जहन्नुम का वर्णन किया गया है। अवबगवी प्रकृति विद्वानों ने कुरान के जेहेन्ना को नरक का विलक्षण जंतु माना है। अल-शरानी ने भी, संक्षेप में इसी से मिलता जुलता मत व्यक्त किया है। नरक को पाताल की गहराई के विभिन्न तलों से संबंधित करनेवाले जेहेन्ना को अन्य लोगों की मान्यताओं की अपेक्षा उच्चतर स्तरीय मानते हैं। वह मुसलमान पापियों के लिये सुरक्षित है जिन्हें ईश्वर उनके अक्षम्य पापों के प्रति दंड हेतु भेजता है। कुछ इस संबंध में आशावादी हैं कि जब प्रत्येक मुसलमान अपने पापों के प्रति उचित पश्चात्ताप करके स्वर्ग जाने लगेगा तो जेहेन्ना का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।