जस्टस (जोदोकस या जूस, घेंट का) (१४३०-१४८०) चित्रकार, जिसे वसरी और मुइसियरदिनी ने 'गिस्टी द ग्वांटो' के नाम से पुकारा है, और जिसका दूसरा नाम 'जूस वान वेसेन होव' माना जाता है। यह आँटवर्प और घेंट में क्रमश: १४६० और १४६४ में चित्रकार संघ का सदस्य रहा। १४६८ के पश्चात् उस संघ के विवरणों में, इसके नाम का उल्लेख नहीं मिलता, अनुमान है कि वह इस समय के बाद इटली में जाकर बस गया। न्यूयार्क के 'ब्लूमेंथल' संग्रह में दो चित्र, एक घेंट के सेंट बावो की कलापूर्ण मूर्ति 'क्रूसीफिक्शन' और दूसरी 'एडोरेशन ऑव द मेजाइ', उसके प्रारंभिक जीवन के नमूने बताए जाते हैं। १४७४ के पश्चात् उसने इटली में 'कम्युनियन ऑव द एपासिल्स' नाम का चित्र बनाया, जिसका उल्लेख वसरी ने किया है, और वह सब 'अरबिनो के पैलेजो ड्यूकेल' में है। केवल यही उस कलाकार का सर्वप्रमाणित चित्र है।

कहा जाता है कि रोम के 'लोवर' और बारबेरिनी महलों में जो प्राचीन महापुरुषों के चित्र हैं, वे इसी के द्वारा निर्मित हैं।

जस्टस उत्तरी यूरोप की चित्रकला की परंपराएँ इटली ले गया, और अपनी शैली तथा इटालियन शैली का एक आकर्षक योग उसने प्रस्तुत किया। उसकी कला का विकास शनै: शनै: हुआ। उसके अंतिम चित्र अन्य इटालियन चित्रकारों से अलग नहीं किए जा सकते।