जवाँ, मिर्जा कासिम अली विख्यात उर्दू गद्यलेखक। १७६० में अहमदशाह अब्दाली के दिल्ली पर आक्रमण के कारण मिर्जा लखनऊ चला गा। १८०० में कलकत्ते में फोर्ट विलियम कालेज की स्थापना होने पर वहाँ अध्यापक नियुक्त हुआ। उसने इस काल में कई पुस्तकों का उर्दू में अनुवाद किया। कालिदास के 'अभिज्ञान शांकुतलम्' का अनुवाद विशेष उल्लेखनीय है जो उसने ब्रजभाषा से किया। उर्दू के अतिरिक्त अरबी फारसी और ब्रजभाषा पर उसका अच्छा अधिकार था। १८५१ के लगभग उसकी मृत्यु हुई।