ज़रकोनियम तत्व आवर्त सारणी के चतुर्थ अंतवर्ती समूह (transition group) का तत्व है। इस तत्व के पाँच स्थिर समस्थानिक पाये जाते हैं, जिनका परमाणु भार ९०, ९१, ९२, ९४, ९६ है। कुछ अन्य रेडियधर्मी समस्थानिक जैसे परमाणु भार ८९ भी कृत्रिम साधनों से निर्मित किए गए हैं।

इस तत्व की खोज ज़रकान अयस्क में, क्लोंप्रोट नामक वैज्ञानिक ने सन् १७८९ में की थी। सन् १८२४ में स्विडन के प्रसिद्ध रसायनज्ञ बर्ज़ीलियस ने ज़रकोनियम धातु तैयार की।

ज़रकोनियम की गणना विरल तत्वों में की जाती है यद्यपि पृथ्वी की सतह पर इसकी मात्रा अनेक सामान्य तत्वों से अधिक है। तत्वों की प्राप्ति सारणी में इसका स्थान बीसवाँ है। ऐसा अनुमान है कि ज़रकोनियम की मात्रा ताम्र, यशद एवं सीस तीनों की संयुक्त मात्रा से अधिक है।

इस तत्व के मुख्य अयस्क बैडिलियाइट या ब्रेजीलाइट (ज़रकोनियम ऑक्साइड), ज़रकेलाइट (ऑक्साइड एवं सिलिकेट का सम्मिश्रण) तथा जर्कन (ज़रकोनियम सिलिकेट) हैं। इस तत्व को विशुद्ध अवस्था में तैयर करना अत्यंत कठिन है, क्योंकि उच्च ताप पर ज़रकोनियम अनेक तत्वों से यौगिक बनाता है। बहुत समय तक इसे सोडियम, कैल्सियम या मैग्नीशियम से ज़रकोनियम ऑक्साइड के अवकरण द्वारा तैयार करते थे। इस क्रिया द्वारा अशुद्ध धातु चूर्ण रूप में प्राप्त होती थी। अब प्राय: ज़रकोनियम क्लोराइड को मैग्नीशियम धातु द्वारा अवकृत कर धातु में परिणत करते हैं। तत्पश्चात् इससे आयोडीन द्वारा अभिक्रिया कर उत्पन्न ज़रकोनियम आयोडाइड के वाष्प का तप्त टंगस्टन तंतु पर प्रवाहित करते हैं। फलस्वरूप तंतु पर विशुद्ध धातु की तह जम जाती है।

विशुद्ध ज़रकोनियम घातवर्ध्य (malleable) होता है, जिसके पतले तार बनाए जा सकते हैं। इसके कुछ विशेष गुण निम्निलिखित हैं :

संकेत ज (Zr), परमाणु संख्या ४०, परमाणु भार ९१.२२, गलनांक २१००° सें., क्वथनांक ३६००° सें., घनत्व ६.४ ग्रा. प्रति घ. सेमी., परमाणु व्यास ३.१९, एंग्स्ट्राम,

साधारण ताप पर ज़रकोनियम वायु में स्थायी है, परंतु रक्त ताप पर हाइड्रोजन, ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन को अवशोषित करता है। ७००° सें. पर ऑक्सीजन से और १०००° सें. से ऊपर नाइट्रोजन से किया करता है। ऊष्ण सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा अम्लराज ज़रकोनियम पर क्रिया करते हैं। उच्च ताप पर यह अनेक ऑक्साइडों को अवकृत कर सकता है।

ज़रकोनियम दो तथा तार संयोजकतावाले यौगिक बनाता है। इसमें से चार संयोजकतावाले यौगिक अधिक स्थायी हैं।

ज़रकोनियम सिलिकेट तथा ऑक्साइड का विद्युत उपकरणों, तथा चीनी मिट्टी उद्योग में उपयोग होता है। ज़रकोनियम यौगिकों के वर्णकों का चमड़े की रंगाई, तथा रेशम उद्योगों में उपयोग हुआ है। ज़रकोनियम चूर्ण का उपयोग विस्फोटक उपकरणों में भी होता है।

आजकल ज़रकोनियम का प्रधान उपयोग परमाणु ऊर्जा में हो रहा है। ज़रकोनियम का न्यूट्रान-अवशोषण-अनुप्रस्थ काट (neutron absorption cross-section) अत्यंत न्यून है, जो अन्य धातुओं या मिश्रधातुओं से कहीं कम है। साथ में संक्षरण प्रतिरोधी होने से इसका उपयोग परमाणु अभिक्रियक (atomic reactor) में सफलता से हो रहा है। (र.चं.क.)