जब्रिया (मुजब्रिया) केवल ईश्वर को कर्ता सिद्ध करने के सिद्धांत को दिया जानेवाला नाम। मुजब्रिया शब्द का प्रयोग सामान्यत: परंपरावादियों, अशराई (अल अशरी के अनुयायी) धर्मशास्त्रियों तथा चिंत् स्वातंत्र्य को नकारनेवालों के लिए हुआ। शर्ह अल फिरक:-अल-अकबर का लेखक अशराइयों को 'जब्रवादी' मानता है। अशराइयों ने अपने-अपने कस्ब वाद को जब्र और कद्र (चित् स्वातंत्र्य) के मध्य का मार्ग माना और जब्रवाद को जहनिया का ही रूप समझा। अल-शहरस्तानी ने अपनी पुस्तक अल मिलल में अशराइयों को पूर्व 'जब्रवादी' और 'अलनजर तथा 'दिदार' को 'मध्यम जब्रवादी' माना है। लंबे विवादों की शृंखला में जब्रवाद और कस्बवाद महत्वहीन हो गए।