जबलपुर १. मध्यप्रदेश का प्रभाग है। इसका क्षेत्रफल १५,६५० वर्ग मील है। इसमें जबलपुर, सागर, दमोह, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा, सिवनी और नरसिंहपुर जिले सम्मिलित है। यह पहाड़ी भाग है। उत्तर में विंध्याचल पठार और दक्षिण में सतपुड़ा पठार के बीच से नर्मदा नदी बहती हैं इसमें ८,५६१ गाँव और जबलपुर तथा सागर प्रमुख नगर हैं। जबलपुर से १३ मील दूर नर्मदा नदी पर संगमरमर की चट्टानें मिलती हैं।
२. जिला, मध्यप्रदेश में ऊपरी नर्मदा घाटी पर स्थित है। क्षेत्रफल ३,९१८ वर्ग मील है। नर्मदा नदी जिले के दक्षिण से बहती है। इसके उत्तर में विंध्याचल और दक्षिण में सतपुड़ा पर्वतश्रेणियाँ हैं। दोनो श्रेणियाँ मुड़वारा तहसील में मिलती है। बीच में हवेली का उपजाऊ मैदान है। भांडेर पर्वतश्रेणी इसे दमोह जिले से अलग करती है। उत्तर में कैसूर पर्वतश्रेणी है। जिले के दक्षिण में नर्मदा तथा उसकी सहायक नदियाँ गौर एवं हिरन है। उत्तर में महानदी, केन तथा कटनी नदियाँ हैं। जिले की मिट्टियों में उपजाऊ काली मिट्टी, रेतीली तथा रेतीली काली मिट्टी प्रमुख हैं। गेहूँ, धान, कोदो, कुटकी, चना और तेलहन प्रमुख कृषिपदार्थ हैं। सिहोरा तहसील में लोहा, गोसलपुर में मैंगनीज, सीलमनाबाद में सोना और तांबा तथा मुड़वारा तहसील में चूने का पत्थर और बॉक्साइट प्रमुख हैं। उद्योगों में सीमेंट फैक्टरी, रासायनिक कारखाना, कांच कारखाना, चीनी मिट्टी के बरतन बनाना, शस्त्र फैक्टरी, रंग तथा रबर कारखाना, संगमरमर की मूर्तियाँ बनाना आदि प्रमुख हैं। यहाँ एक विश्वविद्यालय तथा कला, विज्ञान, वाणिज्य, पशुचिकित्सा पॉलिटेकनिक, धार्मिक, इंजीनियरिंग, कृषि, शिक्षा तथा चिकित्सा संबंधित कालेज हैं। एक कृषि विश्वविद्यालय की भी स्थापना होने जा रही है।
३. तहसील, जबलपुर जिले के दक्षिण में है। इसका क्षेत्रफल लगभग १,५१९ वर्ग मील है। पश्चिम में हवेली का उपजाऊ मैदान तथा दक्षिण में कुछ पहाड़ियाँ हैं। यहाँ जबलपुर नामक एक बड़ा नगर है। एक विश्वविद्यालय तथा अनेक महाविद्यालय हैं। उद्योगों में चीनी मिट्टी के बरतन बनाना, कांच का कारखाना, आयुध कारखाना, यांत्रिकी तथा धातु के कारखाने प्रमुख हैं।
४. नगर, स्थिति : २३° १०¢ उ. अ. तथा ७९° ५७¢ पू. दे.। यह मध्यप्रदेश का नगर, तहसील और जिला है। यह मध्य रेलवे की बंबई कलकत्ता शाखा पर स्थित है। यह चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा है। नर्मदा नदी से ६ मील और भेड़ाघाट से १३ मील दूर स्थित है। यहां कई तालाब तथा बगीचे हैं। यह महत्पूर्ण व्यापारिक एवं औद्यौगिक नगर है। चीनी मिट्टी के बरतन बनाना, कांच कारखाना, बरफघर, आयुध फैक्टरी आदि प्रमुख उद्योग हैं। हिंदुओं तथा मुसलमानों के अतिरिक्त ईसाई, पारसी एवं आंग्लभारतीय भी जनसंख्या में हैं। एक विश्वविद्यालय तथा इंजीनियरिंग, चिकित्सा, पशुचिकित्सा, पॉलिटेकनिक, धर्म, कृषि, कला, विज्ञान, तथा वाणिज्य से संबंधित कई महाविद्यालय हैं।
(सैय्यद मुजफ्फर अली)