जगलुल साद मिस्त्र का राजनीतिज्ञ। १८६० में गरबिया प्रांत में जन्माद्य अलअजहर विश्वविद्यालय में शिक्षा पाई। १८८२ में अहमद अरबी के विद्रोह में साथ देने के लिए गिरफ्तार हुआ किंतु शीघ्र ही छोड़ दिया गया और १८८४ में वकालत करने लगा। १८९३ में न्यायाधीश नियुक्तं हुआ। १९०६ में जन-निर्देश-मंत्री और १९१० में न्यायमंत्री बना। खेदीब अब्बास हालिमी पाशा पर स्वयं लगाए दोष सिद्ध न कर पाने के कारण उसे त्यागपत्र देना पड़ा। पश्चात् इसने ब्रिटिश विरोधी नीति प्रदर्शित की और वह मिस्त्र के राष्ट्रीयतावादी दल का नेता बन गया। प्रथम विश्वयुद्ध के पश्चात् उसने मिस्त्री स्वतंत्रता का आंदोलन छेड़ दिया। फलत: १९१९ में निष्कासि होकर माल्टा गया। १९२१ में वह पुन: काहिरा लौट आया। गिरफ्तार करके वह अदन, वहाँ से सेशेलस और बाद में जिब्राल्टर भेजा गया। १९२३ में उसे मिस्र लौटने की आज्ञा मिल गई और जनवरी, १९२४ में जब राष्ट्रीयतावादी दल की सरकार बनी, तब वह मिस्र का प्रधानमंत्री बना, किंतु आँग्लमिस्त्रो-सूडान के गवर्नर जनरल सर ली स्टैक की हत्या होने पर उसे प्रधानमंत्री का पद त्यागना पड़ा। तत्पश्चात् वह प्रतिनिधि सदन का अध्यक्ष हो गया। २३ अगस्त, १९२७ को काहिरा में उसका देहांत हो गया।