जकार्ता (Djakarta) हिंदेशिया (इंडोनेशिया) गणतंत्र की राजधानी है, जो जावा द्वीप के पश्चिम उत्तरी समुद्रतट पर जिलिबांग या चिलिबांग नदी के मुहाने पर स्थित है।

डच ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा १६१९ ई. में बटेविया नाम से इसकी स्थापना हुई। १९४९ ई. में यह इंडोनेशिया की राजधानी घोषित किया गया और इसका नाम जकार्ता रखा गया।

डच काल में नगर के चारों ओर दीवार बनाई गई थी। उस समय अधिकांश चीनी लोग दीवार के भीतर रहते थे। १७४० ई. में चीनियों ने 'चाइना टाउन' नाम की अलग बस्ती बसाई, जो अब जकार्ता का महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र है।

१९वीं शताब्दी में कहवा, सिनकोना तथा रबर आदि के बगीचे जावा तथा आसपास के द्वीपों में बड़े पैमाने पर लगाने से इस नगर की अत्यधिक उन्नति एवं विकास हुआ। जकार्ता बंदरगाह से रबर, चाय, कुनैन तथा गर्म क्षेत्रों में उत्पन्न होनेवाली अन्य वस्तुएँ विदेशों को भेजी जाती हैं। आयात होनेवाली वस्तुओं में मशीनें तथा तैयार माल मुख्य है। १९३० ई. के पश्चात् इस नगर के उद्योगीकरण के कारण यहाँ पर लोहा गलाने, साबुन तैयार करने, चमड़ा सिझाने और लकड़ी चीरने के कारखाने तथा कपड़े की मिलें स्थापित हुईं।

भारतीय नगरों की भाँति इस नगर में भी पूर्व-पश्चिम का समन्वय यहाँ की इमारतों, लोगों की पोशाक, सड़कों पर चलनेवाली विभिन्न सवारी गाड़ियों में स्पष्ट दिखाई देता है। (उजागर सिंह)