चेरापूँजी पश्चिमी असाम में खासी और जयंतिया पहाड़ी जिले में शिलांग से २३ मील दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम प्रसिद्ध गाँव हैं, जो खासी पहाड़ियों की दक्षिणी ढाल पर बसा है। पहले यही खासी रिसायत की राजधानी थी, सन् १८६४ ई. में राजधानी को यहाँ से हटाकर शिलांग में कर दिया गया। इसके पास में कोयले की खानें हैं। यहाँ पर चावल, कपास और शोशम का व्यापार होता है। संसार में सबसे अधिक वर्षा होनेवाले स्थानों में इसकी गणना होती है। १८६१ ई. में ९०५¢ ¢ ओर १८७३ ई. केवल २८३¢ ¢ वर्षा हुई, यहाँ की वार्षिक वर्षा का औसत ४२९¢ ¢ है। सर्वाधिक वर्षा की दृष्टि से दूसरा महत्वपूर्ण स्थान हवाई द्वीप में वियाल्येल (WailaIeela) चोटी है, जहाँ की वार्षिक वर्षा का ओसत ४७६¢ ¢ है। अत्यधिक वर्षा का कारण इसकी स्थिति है; यह मैदान की ओर झुके हुए एक पठार पर बसा है, जिससे बंगाल की खाड़ी से चलनेवाली मानसून का पूरा लाभ इसे मिलता है। (कृष्ण मोहन गुप्त)