चेरमान् पेरुमाल यह केरल के पेरुमाल नरेशों में अंतिम था। इसका राज्यकाल ७४२ से ८२६ ई. तक था। इसकी गणना इसके मित्र सुंदर मूर्ति के साथ प्रसिद्ध शैव नायनारों में होती है। एक संदिग्ध कथा है कि चेरमान् पेरुमाल ने इस्लाम स्वीकार कर लिया था और मक्का की यात्रा की थी जहाँ से उसने भारत के शासकों को मुसलमानों का सत्कार करने और मस्जिद बनवाने का संदेश भेजा। लेकिन इस कथा को ऐतिहासिक सत्य नहीं माना जा सकता। वास्तव में चेरमान् पेरुमाल ने चिदंबरम् की यात्रा की थी। संभावना है कि ८२४-२५ ई. में प्रारंभ होनेवाला कोल्लम अथवा मलयालम् संवत्, जिसका संबंध कुछ विद्वान् कोल्लम (क्विलंन) की स्थापना से करते हैं, वास्तव में चेरमान् पेरुमाल के शासन के अंत से संबंधित था। (लल्लन जी गोपाल)